रायपुर । राजधानी के आंबेडकर अस्पताल में 24 दिनों में ही डेंगू के 70 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे है। इसमें गुरूवार को पहुंचे पांच मरीज भी शामिल है। यहां पर रोजाना चार से पांच डेंगू के केस पहुंच रहे हैं।पुरानी बस्ती से सबसे ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि विगत आठ माह डेंगू के चार केस ही सामने आए हैं।एलाइजा टेस्ट के बाद ही मरीज को डेंगू पीडि़त माना जाता है। मौसम में उतार-चढ़ाव से वायरल फीवर, डायरिया और मलेरिया के मरीजों की भी जिला अस्पताल, आंबेडकर अस्पताल व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के साथ निजी अस्पतालों में तेजी से इजाफा हुआ है। वायरल फीवर बच्चे, जवान व बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इस बुखार के उतर जाने के बाद भी लोग परेशान रहते हैं।बुखार की चपेट में आने वाले रोगियों को सर्दी, खांसी व गले में तेज दर्द की परेशानी होती है और कमजोरी आ जाती है। वायरल बुखार आमतौर पर साधारण बुखार की तरह ही होता है। डाक्टर पंजक किशोर के अनुसार वायरल बुखार मौसम में उतार चढ़ाव के कारण सक्रिय हो जाता है। इससे प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है। इस मौसम में बुखार होने पर तुरंत इलाज कराना जरूरी है। डाक्टर की सलाह पर ही दवा लेना चाहिए। पीडि़त से हाथ मिलाने, छींकने, नजदीक में रहने से भी वायरल होने की संभावना रहती है। वायरल बुखार होने पर ध्यान देने की जरूरत है।जल जमाव और अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में बरसात के पानी की सही निकासी नहीं होने के कारण गंदगी का फैलाव डेंगू के प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के प्रति सचेत रहें, घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। इससे मच्छर नहीं पनपेगा और डेंगू से बचाव होगा। डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार या वायरल बुखार से मिलते-जुलते होते हैं।
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