महिला आयोग में महिलाओं को त्वरित मिल रहा न्याय

by sadmin

जगदलपुर, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं सदस्यगण श्रीमती नीता विश्वकर्मा, श्रीमती अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज कलेक्ट्रेट के प्रेरणा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। सुनवाई में कुल 17 प्रकरण रखे गये थे।  उसमें से आज 10 प्रकरणों को निराकरण करते हुए नस्तीबद्ध किया गया। साथ ही कुछ प्रकरणों को सुनवाई हेतु रायपुर एवं कोरिया जिले के लिए स्थानांतरण किया गया है। महिला आयोग द्वारा पूर्व में गुम युवक के एक प्रकरण में महिला आयोग द्वारा नार्को टेस्ट का आदेश दिया गया था। इस मामले में शासन-प्रशासन ने दो व्यक्तियों का नार्को टेस्ट कराया जिसका भार भी शासन ने वहन किया। इसके लिए लगभग 2 लाख रुपए से अधिक खर्च हुआ। नार्को टेस्ट की रिपोर्ट गांधी नगर गुजरात से प्राप्त हुई है। फारेंसिक रिपोर्ट बहुत ही विस्तृत है जिसका अध्ययन आयोग द्वारा विशेषज्ञों से कराया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हेतु न्यायालय और पुलिस अधीक्षक को कार्यवाही हेतु आयोग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। अन्य संदिग्धों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए के पुलिस विभाग द्वारा की जा सके, इसके लिए महिला आयोग द्वारा अपने अधिकार का उपयोग करते हुए इस प्रकरण में जो नार्को टेस्ट का आदेश दिया था उससे पीड़ित महिला के शिकायत की जांच एवं न्याय की दिशा में सहयोग और सम्बल मिला है। एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी ने एक दूसरे के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में दर्ज करवा दिया है यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह के एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसने वर्ष 2016 में गायत्री मंदिर में विवाह किया था। पति की पहली पत्नी से 2 बच्चे हैं। और मृतक पति की संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था। आयोग की सुनवाई में उपस्थित जिला संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि आवेदिका ने पति की मृत्यु के बाद दूसरा विवाह कर लिया है। आवेदिका ने प्रकरण के न्यायालय में विचाराधी होने की जानकारी देने पर प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि 30 वर्ष के विवाह कि बाद सैनिक कल्याण बोर्ड में पदस्थ अनावेदक शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है। अनावेदक अपने पद की धौंस दिखाता है तथा कोरिया में विवाह विच्छेद का प्रकरण प्रस्तुत किया है। आवेदिका ने भरण पोषण प्रकरण आयोग में प्रस्तुत किया है। अभी वह घरों में साफ सफाई का कार्य करके अपना जीवन यापन कर रही है। और बच्चे अनावेदक के पास हंै। इस प्रकरण में उनके आपसी सहमति से विवाह विच्छेद की प्रत्याशा रखते हुए इस प्रकरण को कोरिया जिले में रखा गया है इस प्रकरण में पति पत्नी को समझाइश हेतु आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा को जिम्मेदारी दी गयी है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका गांव छोड कर कहीं चली गयी है।  सुनवाई में उपस्थित पुलिस निरीक्षक ने बताया कि आवेदिका कहां है इस बात की जानकारी उसके मायके वालों को भी नहीं है। आवेदिका के बच्चे अनावेदक के पास है। निरीक्षक के कथन के अनुसार इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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