लंदन । दुनिया में कोरोना को आए तीन साल से ज्यादा समय होने वाला है, लेकिन अब तक यह समाप्त नहीं हुआ है। कई गरीब देशों में कोरोना की जांच के लिए बेहतर सुविधा नहीं है। अब तक आरटीपीसीआर को कोरोना के लिए सबसे सटीक टेस्ट माना जाता है, लेकिन टेस्ट का रिजल्ट आने में समय लगता है। इन्हीं कठिनाइयों को दूर कर वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्टफोन एप विकसित किया है, जिसकी मदद से व्यक्ति की आवाज से कोरोना टेस्ट होगा है। यानी स्मार्टफोन में व्यक्ति की आवाज का नमूना लेकर कुछ ही मिनट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से सटीक पता लगा लिया जाएगा कि उस व्यक्ति में कोरोना संक्रमण है या नहीं।
वैज्ञानिकों का दावा है कि आर्टिफिशियल मॉडल पर आधारित यह एप रैपिड एंटीजन टेस्ट या अन्य माध्यमों की तुलना में ज्यादा सटीक और जल्दी में होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस एप की मदद से कोरोना टेस्ट करने में बहुत मामूली खर्च लगेगा और इस करने में भी बहुत आसानी होगी। इस लिहाज से गरीब देशों में जहां आरटीपीसीआर टेस्ट कराना ज्यादा खर्चीला है, उन देशों को काफी सहूलियत होगी। एप से संबंधित रिसर्च को स्पेन के बार्सिलोना में यूरोपियन रेसपारेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में पेश किया गया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉडल पर आधारित यह एप 89 प्रतिशत समय में सटीक होता है। एप में सिंपल वॉयस रिकॉर्डिंग को दर्ज कर लिया जाता है और एआई गणितीय गणना के आधार पर ये सटीक परिणाम बता देता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण आमतौर पर श्वसन नली और स्वर यंत्र यानी वोकल कॉर्ड को प्रभावित करता है। इससे संक्रमित व्यक्ति की आवाज में परिवर्तन होता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इसी का पता लगाकर तुरंत इसका टेस्ट कर सकती है।
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