पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण

by sadmin

स्वदेशी और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित पिनाका रॉकेट की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। पिछले कुछ हफ्तों में बालासोर और पोखरण में पिनाका की बढ़ी हुई क्षमताओं का परीक्षण किया गया। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया की सफलता में मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड सहित अन्य निर्माताओं ने इस परीक्षण के पूरा होने और पिनाका की क्षमताओं को बढ़ाने में काफी सहयोग किया। पिनाका एमके-आई एक अपग्रेटेड रॉकेट प्रणाली है, जिसका पहले भी कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी के आधार पर इन रॉकेट प्रणालियों को विकसित किया गया है। पिनाका एमके-आई रॉकेट प्रणाली की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं, पिनाका-II रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस रॉकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।पिनाका से नजदीक दुश्मन टारगेट को ध्वस्त किया जा सकता है। डीआरडीओ ने 1980 के दशक में पिनाका रॉकेट सिस्टम को विकसित करना शुरू किया था। इसके बाद 1990 के आखिर में पिनाक मार्क-वन के सफल परीक्षण ने भारतीय सेना को बड़ी मजबूती प्रदान की। पिनाक सिस्टम की एक बैटरी में छह लान्चिंग वाहन होते हैं। पिनाका-II को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाक मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया था, जिसने पहाड़ की चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था

Related Articles

Leave a Comment