नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से यह बताने को कहा कि शराब नीति में कितनी लूट हुई उसे कहां खर्च किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नई आबकारी नीति में हुए घोटाले से जो करोड़ों रुपये का कमीशन मिला उसी धन से आम आदमी पार्टी ने पंजाब, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में चुनाव लड़ा। आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनोज तिवारी ने आशंका व्यक्त की कि कही यह काली कमाई को सफेद करने का मामला तो नहीं है। सी.बी.आई. को इस मामले को भी ध्यान में रखते हुए जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता अब कह रहे हैं कि आबकारी नीति ईडी और सीबीआई की जांच से डर कर वापस ली गई जबकि उन्हें यह भी बताना चाहिए कि अगर वे कट्टर ईमानदार और सच्चे हैं तो फिर किसी जांच से घबराने की क्या जरुरत है। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा रिलेशन विभाग के प्रभारी श्री हरीश खुराना और प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख श्री हरिहर रघुवंशी उपस्थित थे। श्री तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने आबकारी नीति को भाजपा के जन आंदोलन के दबाव में वापस लिया है। अगर शराब नीति ठीक थी तो फिर उन्हें तो हर जांच का स्वागत करना चाहिए क्योंकि सांच को आंच नहीं आती। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के सभी मंत्री आरोप लगा रहे हैं कि यह सब शिक्षा और स्वास्थ्य के दिल्ली मॉडल को रोकने की चाल है। जब मुद्दा आबकारी नीति है और जांच भी इसी नीति से शराब माफियाओं के साथ मिल कर करोड़ों का घोटाले की हो रही है तो आप नेता शिक्षा और स्वास्थ्य की बात क्यों कर रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि जब शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में हुए घोटालों की बात होगी तो उस पर भी बात कर लिया जाएगा। अभी फिलहाल नई आबकारी नीति पर बात हो रही है तो आप नेता सिर्फ इसका जवाब दें। वे अनाप-शनाप बोलकर दिल्ली की जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश ना करें।
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