चित्रादुर्गा| कर्नाटक के पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने राज्य में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने से हुए विवाद पर इस मामले को भारतीय जनता पार्टी की ओर से भड़काने के कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि इन भगवा शॉल का आर्डर सूरत की श्रीराम फैक्ट्री ने दिया है तथा कर्नाटक में इन्हें हनुमान ट्रांसपोर्ट सर्विस की तरफ से लाया जा रहा है।
गौरतलब है कि कर्नाटक राज्य प्रभारी डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि मंत्री के बेटे ने इन शॉल का आर्डर दिया था ताकि इन्हें हिजाब पहन कर आने वाली छात्राओं को विरोध करने वाले छात्रों में वितरित किया जा सके।
श्री शिवकुमार ने हिजाब मसले पर भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा था क्या बच्चों के माता-पिता ने भगवा शॉल, पगड़ी को प्रायोजित किया है? हम जानते हैं कि क्या हो रहा है, छात्रों को रात भर में भगवा शॉल कहाँ से मिले? आप (भाजपा) बच्चों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? हमें उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर बनाना है, आप राजनीति के लिए उनका इस्तेमाल उपयोग न करें।
श्री ईश्वरप्पा ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि श्री शिवकुमार को नहीं पता कि वे (शॉल और पगड़ी) कहां से आए हैं। भगवा बलिदान और त्याग का प्रतीक है। केसरिया रंग करोड़ों युवाओं के दिलों तक पहुंच गया है। केसर शॉल का उद्देश्य इस देश के धर्म और संस्कृति को संरक्षित करना है।
उन्होंने दावा किया, शिवकुमार के पास पत्थरों का कारखाना है। उस कारखाने से वे अवैध रूप से विभिन्न राज्यों में पत्थर भिजवाते हैं।
श्री ईश्वरप्पा ने आगे कहा कि 96 में से केवल छह छात्राएं हिजाब पहनने पर अड़ी हैं और बाकी 90 क्लास अटेंड कर रही हैं जिससे पता लगता है कि यह यह साजिश है। उन्होंने यह दावा भी किया कि कांग्रेस और मुस्लिम नेताओं ने इन छह छात्रों को हिजाब के बिना कक्षाओं में नहीं जाने के लिए राजी किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवकुमार ने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
श्री ईश्वरप्पा ने बुधवार को कहा था कि एक दिन आएगा जब भगवा झंडा देश का राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है।