वृद्ध बुजुर्ग दंपत्ति के घर पहुंचाया न्याय

by sadmin

जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा लिया गया ऐतिहासिक कदम

रायपुर.जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर में परिवर्तित नाम श्रीमती कल्पना गुप्ता निवासी हनुमान नगर रायपुर द्वारा सूचना प्रेषित की गयी कि, उनकी आयु और उनके पति की आयु 70-72 साल से अधिक है। उन्होंने अपने मकान को अपनी एक बेटी को इस उद्देश्य से दान दिया था कि वह बुढ़ापे में उनका भरण-पोषण एवं जीवन-यापन करेगी। लेकिन बेटी ने मकान अपने नाम होने के पश्चात् माता-पिता का भरण-पोषण करने से इंकार करते हुए उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज कर दिया। विधिक सहायता हेतु बुजुर्ग दंपत्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर में जानकारी प्रेषित की। इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर श्री अरविंद कुमार वर्मा ने मामले का त्वरित संज्ञान लेकर जिले में पहली बार छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजना ‘‘करूणा” के तहत बुजुर्ग दंपत्ति के घर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के माध्यम से उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने हेतु प्रतिधारक अधिवक्ता श्रीमती सुनीता तोमर, पैरालीगल वालिंटियर श्री देवेन्द्र धीवर तथा कर्मचारी श्री अमित गार्डिया को भेजा।

उक्त टीम बुजुर्ग दंपत्ति के घर पहुंचकर उनके सारे दस्तावेज निःशुल्क तैयार करने में सहयोग किया और दंपत्ति को यह बताया कि उनकी हर संभव सहायता प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क रूप से सुनिश्चित की जाएगी। उक्त प्रकरण के संबंध में अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि माता पिता की सेवा करना हर संतान का कर्तव्य है और ऐसे बुजुर्ग माता-पिता के लिए न्याय भी उनकी संतान की तरह अपने कर्तव्य का निर्वहन करता है और कानूनन रूप से हर बुजुर्ग माता-पिता या वरिष्ठजन के अधिकारों की सुरक्षा हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रतिबद्ध है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर श्री प्रवीण मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ‘करूणा योजना‘ बहुत ही प्रभावशाली एवं लाभकारी है।

इस योजना के तहत वरिष्ठजन प्राधिकरण में फोन के माध्यम से भी सूचना दे सकते है। ऐसे प्रकरण में जिनकी संतान अपने माता-पिता का भरण पोषण नहीं कर रही हैं, प्राधिकरण उसमें समझौता कराकर भरण-पोषण उपलब्ध कराने का प्रयास करता है यदि समझौता सुनिश्चित न हो सके तो भरण-पोषण के विभिन्न कानूनों के माध्यम से त्वरित न्याय प्रदान कराने हेतु निःशुल्क सारे कानूनी कार्यवाही करके प्रकरण न्यायालय में पेश करने में भी प्राधिकरण सहयोग करता है।

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