पटना | बिहार के पूर्वी चंपारण के एक सरकारी स्कूल के छात्रों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि प्रिंसिपल उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा में पास करने के लिए पैसे ले रहे हैं, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी शिरसात कपिल अशोक जब शिक्षा केंद्र कोरोना टीकाकरण शिविर का निरीक्षण करने पहुंचे तो, जिला स्कूल के छात्रों ने धरना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल कक्षा 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं में पासिंग मार्क्स देने के लिए 200 रुपये और पूरे अंक के 300 रुपये ले रहे हैं। छात्रों ने दावा किया कि प्रिंसिपल ने मंगलवार और बुधवार को छात्रों से पैसे लिए और कुछ छात्रों ने इसकी वीडियो क्लिप भी बनाई है।
इस घटना के बाद जिलाधिकारी ने तत्काल अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) सौरभ सुमन यादव को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। यादव ने आईएएनएस से कहा, “हमने छात्रों के बयान ले लिए हैं। हम स्कूल के प्रिंसिपल से बात करेंगे और फिर रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को सौंपेंगे।” इस बीच स्कूल के प्रिंसिपल ने स्वीकार किया कि उन्होंने छात्रों से वाहन (यात्रा शुल्क) के रूप में पैसे लिए हैं। उन्होंने पैसे लौटाने का भी वादा किया है। हर जिले का जिला स्कूल बिहार के सभी 38 जिलों के हर मुख्यालय में स्थापित एक सरकारी स्कूल है। यह राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा चलाया जाता है।