दक्षिणापथ, रायपुर। प्रदेश में मंत्री-विधायक विवाद मामला विधायक के द्वारा विधानसभा में खेद व्यक्त करने के बाद समाप्त माना जा रहा था लेकिन अब विधायक को लगातार मिल रही धमकियों से मामला समाप्त होता नहीं दिख रहा है। सरगुजा के एक आदिवासी विधायक पर हमला हो जाता है, उस पर हमला करने वाले की पहचान भी हो जाती है और वह प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री का भतीजा निकलता है। उसके बाद मंत्री पर जब आरोप लगता है, तो विधायक पर दबाव बनाकर उन आरोपों को भावनाओं में बहकर कही गई बात निरूपित कर दिया जाता है।
कहने के लिए तो मामले का पटाक्षेप हो गया है लेकिन हकीकत इससे कहीं परे है। एक तरफ जहां महाराज अपने पर लगे आरोपों को लेकर अभी खींझ रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके ही समर्थक सोशल मीडिया पर विधायक को धमकियां दे रहे हैं।
राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना है कि पूरी घटना से कांग्रेस पार्टी को नुकसान ही होगा। एक आदिवासी विधायक के साथ बाबा ( टी एस ) के नगर में उनके भतीजे ने हमले की नीयत से घटना घटित की। आदिवासी विधायक को न्याय मिलने के बजाय बाबा समर्थकों ने विधायक को पार्टी से निष्कासन का नोटिस दिला दिया।
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