दक्षिणापथ। कई बार गलत पॉश्चर में सो जाने या फिर किसी शारीरिक समस्या के कारण कई लोगों को सुबह उठते ही शरीर में अकडऩ महसूस होने लगती है। इस समस्या से समय रहते राहत पाना बहुत जरूरी है क्योंकि इसके लंबे समय तक बने रहने से कई गंभीर रोग हो सकते हैं। आप कुछ योगासनों का रोजाना अभ्यास करके इस समस्या से राहत पा सकते हैं तो चलिए फिर इनके अभ्यास का तरीका जानते हैं।
अधोमुख श्वानासन
इस योगासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। वहीं, शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार वी जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
अंजनेयासन
सबसे पहले दोनों पैरों को एक दूसरे से दूर फैला लें। अब दाएं पैर के पंजे को बाहर की तरफ घुटने से मोड़ते हुए बैठें। इसके बाद सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को एक साथ सिर के ऊपर ले जाएं और सांस छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को पीठ के पीछे मोडऩे की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। अब इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
गोमुखासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बाईं जांघ के ऊपर से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रखें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दाईं जंघा के नीचे से दाए नितंब के पास जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए उन्हें पीठ के पीछे आपस में पकडऩे का प्रयास करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें।
धनुरासन
सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों घुटनों को अपनी कमर की तरफ से मोड़े और हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरी शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। फिर अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। फिर कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
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