दुर्ग। भूपेश सरकार के अड़ियल रुख का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। भूपेश सरकार द्वारा खराब हो चुके गोबर को 6 रुपए किलो के हिसाब से किसानों को जबरदस्ती बेचने के फैसला अन्याय पूर्ण है। उपरोक्त वक्तव्य भरतीय जनता पार्टी विधायक दल के स्थाई सचिव जितेंद्र वर्मा ने प्रेस को जारी वक्तव्य में कहा। जितेंद्र वर्मा ने कहा सरकार का यह फैसला अन्याय पूर्ण ही नहीं बल्कि किसानों के ऊपर दोहरे मापदंड अपनाने वाला बेतुका फैसला है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य सरकार ने 44 लाख टन गोबर खरीदा और इसमें से केवल एक लाख टन से ही वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया बाकि 43 लाख टन गोबर गलत प्रबंधन और अव्यस्था के चलते खराब हो गया है जिसके नुकसान की भरपाई भूपेश सरकार गरीब किसानों से करना चाहती है ।जिसके चलते किसानों के ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ का भार पड़ रहा है।इसी के चलते बचे हुए खराब गोबर को सामान्य गोबर खाद ऑर्गेनिक मेन्योर के नाम से किसानों को जबरदस्ती बेचे जाने की तैयारी राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। जबकि वास्तविकता का आलम यह है कि गांव में किसानों द्वारा तैयार घुरवा खाद की कीमत प्रति ट्राली 3 टन 18 सौ रुपए में आती है। वास्तिवकता यह है कि घुरूवा खाद गांव में ही मात्र 60 पैसे किलो में तैयार हो जाती है। ऐसे में राज्य सरकार 10 गुना कीमत पर 6 रुपये किलो के दर से इस आधार पर किसानों के ऊपर दबाव डालकर खराब गोबर बेचना चाह रही है ताकि खराब गोबर खरीदने पर ही उन्हें रासायनिक खाद प्रदान किया जाएगा। जितेंद्र वर्मा ने कहा कि 10 गुना ज्यादा कीमत पर राज्य सरकार बेचकर किसानों के ऊपर कर्ज का बोझ लादने का सीधे तौर पर कार्य कर रही है। राज्य सरकार का मिस मैनेजमेंट के चलते 43 लाख टन गोबर खराब हो गया जिसे ऑर्गेनिक खाद के नाम पर ऊंचे दामों पर बेचने का कार्य कर रही है। ताकि मंहगा खाद किसानों के बीच खपाया जा सके। गोधन न्याय योजना के मिस मैनेजमेंट से हुए नुकसान की भरपाई को किसानों से करने की योजना बनाई है। राज्य सरकार का यह तुगलकी फरमान पूरी तरह अन्यायपूर्ण और किसान विरोधी हैं। यदि किसानों के ऊपर दबाव डालकर गलत तरीके से खराब गोबर खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है तो इसका जमकर विरोध किया जाएगा। श्री वर्मा ने कहा कि यदि राज्य सरकार इस बात पर सही है तो गोधन न्याय योजना के अंर्तगत गोबर खरीदी से लेकर उसके अंतिम निष्पादन तक की पूरी प्रक्रिया का स्वेत पत्र जारी करे।
प्रदेश के कांग्रेस सरकार ₹2 प्रति किलो में लोगो से गोबर खरीद कर सेवा सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट के नाम से ₹10 प्रति किलो किसानों को बेच रही है ,30 किलो ₹300 प्रति बोरी ,5 गुना अधिक दाम पर किसानों को खरीदने के लिए दबाव बना रही है जोकि सरासर छत्तीसगढ़ के आम किसानों के साथ अन्याय हैं ।