प्रधानमंत्री ने कहा: कोरोना महामारी से लड़ाई में वैक्सीन कवच के समान है, सरकार सभी को फ्री वैक्‍सीन लगाएगी

by sadmin

दक्षिणापथ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित क‍िया। कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम का यह संबोधन हुआ। देश में कोरोना की दूसरी लहर थम रही है। इसे देखते हुए कई राज्‍यों ने बंदिशों में कई तरह की ढील दी है। पीएम ने कहा कि भारत कोरोना की लहर के दौरान बहुत बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपनों को खोया है। ऐसे परिवारों के प्रति उन्‍होंने संवेदना जताई। पीएम ने बीते 100 सालों में इसे सबसे बड़ी महामारी बताया। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने कभी नहीं देखी थी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड से लड़ने के लिए पिछले सवा साल में देश में नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सि‍जन की मांग बढ़ गई थी। इसे पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया गया। ऑक्सि‍जन को पूरा करने के लिए सरकार के सभी तंत्र काम में लग गए। उन्‍होंने बताया कि नेजल वैक्‍सीन पर भी रिसर्च हो रही है। इससे वैक्‍सीनेशन की मुहिम में तेजी आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड से लड़ने के लिए पिछले सवा साल में देश में नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सि‍जन की मांग बढ़ गई थी। इसे पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया गया। ऑक्सि‍जन को पूरा करने के लिए सरकार के सभी तंत्र काम में लग गए।

मोदी ने बंद शब्‍दों में कांग्रेस की पिछली सरकारों पर भी हमला किया। पीएम बोले कि कोरोना से लडाई में वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है। आज अगर हमारे पास वैक्सीन नहीं होती तो भारत जैसे विशाल देश की क्या स्थिति होती? कई दशक पहले भारत को विदेश से वैक्सीन लेने के लिए दशकों लग जाते थे। आज भारत ने एक साल के अंदर ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन लॉन्‍च कर दी।

हाइलाइट्स:

  • 21 जून, सोमवार से देश के हर राज्य में, 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी
  • दूसरी तरफ किसी ने कहा कि उम्र की सीमा आखिर केंद्र सरकार ही क्यों तय करे? कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है? भांति-भांति के दबाव भी बनाए गए, देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया
  • कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम डी-सेंट्रलाइज किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया जाए। तरह-तरह के स्वर उठे। जैसे कि वैक्सीनेशन के लिए Age Group क्यों बनाए गए
  • इस साल 16 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने के अंत तक, भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार की देखरेख में ही चला। सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाने के मार्ग पर देश आगे बढ़ रहा था। देश के नागरिक भी, अनुशासन का पालन करते हुए, अपनी बारी आने पर वैक्सीन लगवा रहे थे
  • देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच, केंद्र सरकार के सामने अलग-अलग सुझाव भी आने लगे, भिन्न-भिन्न मांगें होने लगीं। पूछा जाने लगा, सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है? राज्य सरकारों को छूट क्यों नहीं दी जा रही

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