बिलासपुर। बिलासपुर शहर सार्वजनिक यातायात सोसाइटी के सिटी बस डिपो एवं टर्मिनल के भीतर इस श्मसान सा सन्नाटा छाया हुआ है। 8 माह पहले तक बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र और आसपास दौड़कर लोगों को सस्ता यातायात मुहैया कराने वाली ये सिटी बसें अपने उद्धारक को खोज रही हैं।
पूर्व में इन बसों को बिलासपुर में गाजे-बाजे के साथ शुरू किया गया था। वे अब लावारिस होकर अपने कफन दफन का इंतजार कर रही हैं। शासन प्रशासन के टालू रवैये के कारण इस बात की उम्मीद हर दिन खत्म होती जा रही है कि सिटी बस डिपो में खड़ी ये सिटी बसें, अब कभी भी, बिलासपुर की सड़कों पर पहले की तरह दौड़ पाएंगी। पूर्ववर्ती सरकार की और दूरदर्शी नीति तथा घुन लगी योजनाओं ने इन बसों को कबाड़ बनने के लिए छोड़ दिया है। ऐसी हालत तब है जब इन बसों के संचालन के लिए बनाई गई बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी के अध्यक्ष और सेक्रेटरी जैसे पदों पर सर्वशक्तिमान कहे जाने वाले कलेक्टर तथा निगम आयुक्त और आरटीओ को बिठाया गया है, लेकिन अब इनमें से कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि डिपो में खड़ी इन बसों का क्या होगा। और प्रशासन के इस असमंजस से साफ दिखाई दे रहा है कि कोनी रोड पर बना सिटी बस डिपो एवं टर्मिनल बहुत जल्द शहर की दो दर्जन से अधिक सिटी बसों का कब्रगाह बनने जा रहा
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