नई दिल्ली। इस साल 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस परेड में बांग्लादेश की सेना की एक टुकड़ी भाग लेगी। ये दूसरी है जब विदेशी सैनिक भारत के सबसे बड़े समारोह में भाग लेंगे और राजपथ पर मार्च करेंगे। उस समय परेड में हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेशी दल को आमंत्रित किया गया है जिस समय दोनों देश बांग्लादेश के अस्तित्व की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं। मार्चिंग टुकड़ी में 96 सैनिक शामिल होंगे, और अपनी बीडी-08 राइफल्स – चीनी टाइप 81 7.62एमएम हमले के हथियार का लाइसेंस-निर्मित वैरिएंट लेगे। बांग्लादेश ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हर साल 10,000 से अधिक ऐसी असॉल्ट राइफल का उत्पादन करती है। विदेशी सैनिकों ने 2016 में पहली बार भारत परेड में हिस्सा लिया जब 130 सैनिकों की टुकड़ी वाली एक फ्रांसीसी सेना ने राजपथ पर मार्च किया। तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति, फ्रेंकोइस होलांडे, उस वर्ष मुख्य अतिथि के रूप में परेड के गवाह बने। इस वर्ष परेड छोटी होगी, इसमें कम प्रतिभागी शामिल होंगे और कोविड-19 महामारी के कारण दर्शकों की सामान्य संख्या का केवल एक चौथाई हिस्सा होगा। इस बार सिर्फ 25 हजार पास ही जारी किए जा रहे हैं। परेड में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागी यानी सभी सैनिक दस्ते, पुलिस अर्ध सैनिक बल के जवान, 15 साल से ज्यादा आयु के सौ छात्र और अन्य नागरिकों के साथ ही दर्शकों को भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा। जाहिर है राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ-साथ सभी देसी विदेशी मेहमान भी इसका पालन करेंगे। इतना ही नहीं, सोशल डिस्टेंस की वजह से मार्चिंग दस्ते की सजावट और बनावट में भी बदलाव होगा। लेकिन 144 सैनिकों की बजाय सिर्फ 96 सैनिकों के दस्ते होंगे। अमूमन एक दस्ते में 12 पंक्तियां और 12 कॉलम होते हैं। लेकिन, इस बार 12 कॉलम में सिर्फ आठ पंक्तियां होंगी। क्योंकि, सैनिकों के बीच समुचित अंतर रखना जरूरी है. छोटे बच्चों को इस बार परेड में शामिल नहीं किया जाएगा। उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा की वजह से सरकार ने ये निर्णय लिया है।
20